यरूशलम/गाजा: गाजा पट्टी में इजरायल और फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह हमास के बीच लगभग आठ महीने से चल रहा भीषण संघर्ष आज भी जारी है। दोनों पक्षों के बीच लगातार हो रही शत्रुतापूर्ण कार्रवाई ने गाजा में मानवीय संकट को और गहरा कर दिया है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा युद्धविराम (सीजफायर) और बंधकों की रिहाई के लिए किए जा रहे अथक मध्यस्थता प्रयासों को अभी तक कोई ठोस सफलता नहीं मिली है।
गाजा में वर्तमान स्थिति: गाजा पट्टी में मानवीय स्थिति लगातार विकट बनी हुई है। इजरायली सेना की गहन जमीनी कार्रवाइयों और हवाई हमलों के कारण गाजा का बड़ा हिस्सा खंडहर में तब्दील हो चुका है। संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के अनुसार, लाखों फिलिस्तीनी अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं, वे अब अस्थायी शिविरों में या आश्रय स्थलों में रह रहे हैं। भोजन, स्वच्छ पानी, दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति की भारी कमी है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों में कुपोषण और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, और अधिकांश अस्पताल या तो नष्ट हो गए हैं या आंशिक रूप से ही काम कर रहे हैं। इजरायली सेना का कहना है कि वे हमास के सैन्य ढांचे को ध्वस्त करने और नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए सटीक हमले कर रहे हैं, जबकि हमास गाजा से इजरायल पर रॉकेट हमले जारी रखे हुए है।
सीजफायर वार्ता और मध्यस्थता के प्रयास: युद्ध को समाप्त करने और गाजा में फंसे इजरायली बंधकों को रिहा कराने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार राजनयिक प्रयास जारी हैं। कतर, मिस्र और संयुक्त राज्य अमेरिका इस प्रक्रिया में प्रमुख मध्यस्थ के रूप में कार्य कर रहे हैं। इन देशों ने युद्धविराम के लिए कई प्रस्ताव पेश किए हैं, जिनमें चरणों में बंधकों की रिहाई, बदले में इजरायली जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई, गाजा में मानवीय सहायता की निर्बाध पहुंच और अंततः संघर्ष विराम शामिल है।
हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा प्रस्तुत एक नए प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई थी, जिसमें तीन चरणों में युद्धविराम, बंधकों की वापसी और गाजा के पुनर्निर्माण की बात कही गई थी। हालांकि, इन वार्ताओं में कई प्रमुख बाधाएं बनी हुई हैं:
- हमास की मांग: हमास एक स्थायी युद्धविराम और गाजा से इजरायली सेना की पूर्ण वापसी पर जोर दे रहा है, जबकि इजरायल ऐसा करने से इनकार कर रहा है जब तक कि हमास पूरी तरह से नष्ट न हो जाए।
- इजरायल की शर्तें: इजरायल हमास को खत्म करने और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने पर अडिग है, और वह बंधकों की वापसी को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है।
- “डे-आफ्टर” प्लान: गाजा के भविष्य के शासन और पुनर्निर्माण को लेकर भी दोनों पक्षों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच सहमति नहीं बन पा रही है।
इजरायल और हमास का रुख:इजरायल: प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली इजरायली सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका प्राथमिक लक्ष्य 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास की सैन्य और राजनीतिक क्षमताओं को पूरी तरह से नष्ट करना है। उनका कहना है कि बंधकों की वापसी भी इसी लक्ष्य का हिस्सा है। इजरायली अधिकारी हमास के नेतृत्व को गाजा से हटाने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि भविष्य में ऐसा हमला दोबारा न हो।
हमास: हमास, बदले में, गाजा पर इजरायल की नाकेबंदी को समाप्त करने, सभी बंधकों के बदले बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई, गाजा के पुनर्निर्माण के लिए पूरी स्वतंत्रता और इजरायली सेना की पूर्ण वापसी की मांग कर रहा है।
क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निहितार्थ: गाजा संघर्ष का मध्य पूर्व और विश्व भर में व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। लेबनान के साथ इजरायल की उत्तरी सीमा पर हिजबुल्लाह के साथ तनाव लगातार बढ़ रहा है, जिससे एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष की आशंका बनी हुई है। यमन के हوثियों द्वारा लाल सागर में शिपिंग पर हमलों ने वैश्विक व्यापार मार्गों को बाधित किया है। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ सहित अंतर्राष्ट्रीय संगठन मानवीय पहुँच की कमी और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। वैश्विक स्तर पर, इस संघर्ष ने राजनयिक संबंधों और गठबंधन पर दबाव डाला है, और कई देशों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
जब तक इजरायल और हमास अपनी मुख्य मांगों पर समझौता नहीं करते, तब तक युद्धविराम की उम्मीदें धूमिल बनी रहेंगी, और गाजा में मानवीय त्रासदी गहराती रहेगी। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय लगातार दबाव बनाए हुए है, लेकिन वास्तविक शांति की राह अभी भी अनिश्चित है।




Leave a comment