वॉशिंगटन: संयुक्त राज्य अमेरिका में नवंबर 2025 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव का प्रचार अभियान अब अभूतपूर्व तीव्रता और रणनीतिक गहराई के साथ आगे बढ़ रहा है। मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन (डेमोक्रेटिक पार्टी) और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (रिपब्लिकन पार्टी) दोनों ही देश के भविष्य को लेकर अपनी-अपनी दृष्टि प्रस्तुत करने और मतदाताओं के हर वर्ग को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यह सिर्फ दो व्यक्तियों के बीच का चुनाव नहीं, बल्कि देश की दिशा, मूल्यों और वैश्विक स्थिति का निर्धारण करने वाला एक निर्णायक मोड़ है।
अभियान की रणनीतिक गहराई: ‘बैटलग्राउंड’ पर वर्चस्व की लड़ाई दोनों उम्मीदवारों के अभियान दल ‘बैटलग्राउंड स्टेट्स’ पर अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। इन राज्यों में जीत-हार का अंतर अक्सर बहुत कम होता है और वे चुनावी कॉलेज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, एरिजोना, जॉर्जिया और नेवादा जैसे राज्य विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं।
- जमीनी स्तर पर रणनीति (The Ground Game): दोनों पार्टियाँ जमीनी स्तर पर मतदाताओं से सीधे जुड़ने के लिए विशाल नेटवर्क स्थापित कर रही हैं। इसमें स्वयंसेवकों द्वारा घर-घर जाकर संपर्क करना (canvassing), फोन बैंकिंग, मतदाता पंजीकरण अभियान चलाना और स्थानीय कार्यक्रमों का आयोजन करना शामिल है। लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर संभावित समर्थक मतदान केंद्र तक पहुँचे।
- डिजिटल और डेटा-संचालित अभियान: सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म, माइक्रो-टारगेटिंग विज्ञापन और डेटा विश्लेषण इस चुनाव में पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। टीमें मतदाताओं की रुचियों, चिंताओं और ऑनलाइन व्यवहार के आधार पर व्यक्तिगत संदेश तैयार कर रही हैं। फर्जी खबरों और दुष्प्रचार से निपटने के लिए भी टीमें लगातार काम कर रही हैं, हालाँकि यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
- फंडरेजिंग की होड़: राष्ट्रपति चुनाव अमेरिका में सबसे महंगे अभियानों में से एक है। दोनों उम्मीदवार और उनकी संबंधित पार्टियाँ बड़े दानदाताओं (Super PACs के माध्यम से) और छोटे व्यक्तिगत दानदाताओं से करोड़ों डॉलर जुटा रही हैं। यह धन विज्ञापन खरीदने, जमीनी स्तर के संचालन को वित्तपोषित करने और देश भर में रैलियों के आयोजन में लगाया जा रहा है।
प्रमुख मुद्दे जो मतदाताओं को प्रभावित कर रहे हैं:
- अर्थव्यवस्था और मुद्रास्फीति: यह शायद सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। बाइडेन प्रशासन रोजगार सृजन, बुनियादी ढाँचे में निवेश और “बाइडेनॉमिक्स” के माध्यम से हुए आर्थिक सुधारों पर जोर दे रहा है। वे तर्क दे रहे हैं कि उनके नीतियां मध्यम वर्ग को लाभ पहुँचा रही हैं। वहीं, ट्रम्प उच्च मुद्रास्फीति के लिए बाइडेन प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और कर कटौती, विनियमन हटाने और ऊर्जा स्वतंत्रता के माध्यम से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का वादा कर रहे हैं।
- आव्रजन और सीमा सुरक्षा: ट्रम्प का अभियान दक्षिणी सीमा पर “अभूतपूर्व संकट” पर केंद्रित है और वह दीवार निर्माण को पूरा करने, आव्रजन को कम करने और डिपोर्टेशन में तेजी लाने का वादा कर रहे हैं। बाइडेन प्रशासन सीमा पर चुनौतियों को स्वीकार करता है लेकिन मानवीय दृष्टिकोण और व्यापक आव्रजन सुधारों पर जोर देता है।
- स्वास्थ्य सेवा और गर्भपात अधिकार: बाइडेन और डेमोक्रेट्स अफोर्डेबल केयर एक्ट (ACA) की रक्षा करने और नुस्खे वाली दवाओं की लागत को कम करने के अपने प्रयासों पर जोर दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के गर्भपात के अधिकार को पलटने के बाद से यह मुद्दा डेमोक्रेटिक मतदाताओं के लिए एक बड़ा प्रेरक बन गया है, और बाइडेन संघीय स्तर पर गर्भपात अधिकारों की रक्षा का वादा कर रहे हैं। ट्रम्प इस मुद्दे पर अधिक जटिल स्थिति बनाए हुए हैं, लेकिन आम तौर पर राज्यों को निर्णय लेने की शक्ति देने का समर्थन करते हैं।
- लोकतंत्र और शासन: बाइडेन 6 जनवरी 2021 के कैपिटल दंगे के बाद अमेरिकी लोकतंत्र के लिए ट्रम्प को खतरा बताते हुए खुद को संवैधानिक मानदंडों और संस्थानों के रक्षक के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। ट्रम्प, वहीं, 2020 के चुनाव में “धांधली” के अपने दावों को दोहराते रहे हैं और खुद को “डीप स्टेट” के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले के रूप में पेश कर रहे हैं।
- विदेश नीति और वैश्विक स्थिति: बाइडेन ने यूक्रेन को समर्थन, नाटो गठबंधन को मजबूत करने और चीन के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा पर ध्यान केंद्रित किया है। ट्रम्प “अमेरिका फर्स्ट” की अपनी नीति पर वापस लौटना चाहते हैं, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं पर पुनर्विचार और कुछ गठबंधनों से दूरी बनाने की बात शामिल है। मध्य पूर्व, रूस और चीन के साथ संबंध इस बहस का केंद्रीय हिस्सा हैं।
उप-राष्ट्रपति उम्मीदवारों और मीडिया की भूमिका: दोनों उम्मीदवारों के उप-राष्ट्रपति पद के चयन पर भी अटकलें तेज हैं, क्योंकि यह चुनाव में एक नया गति ला सकता है और वोटों को प्रभावित कर सकता है। वहीं, मीडिया, सोशल मीडिया और पोलिंग एजेंसियां इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, हालांकि उनकी विश्वसनीयता और परिणामों की व्याख्या पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।
यह चुनाव न केवल अमेरिकी लोगों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए उच्च दांव वाला है। आने वाले महीने गहन रैलियों, बहस, विज्ञापन युद्ध और मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के अंतिम प्रयासों से भरे होंगे, जो अंततः 5 नवंबर को तय करेंगे कि अगले चार साल के लिए अमेरिका का नेतृत्व कौन करेगा।
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