भारतीय रेलवे, जो प्रतिदिन लाखों यात्रियों को अपनी सेवाएँ प्रदान करता है, तत्काल टिकट बुकिंग को लेकर अक्सर चुनौतियों का सामना करता रहा है। वेबसाइट हैंग होने, धीमी गति और बॉट्स के अत्यधिक उपयोग के कारण वास्तविक यात्रियों को अक्सर कन्फर्म तत्काल टिकट बुक करने में कठिनाई होती है। इस समस्या के समाधान और वास्तविक यात्रियों को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से, रेल मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
ई-आधार ऑथेंटिकेशन सिस्टम की शुरुआत
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि भारतीय रेलवे जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार ऑथेंटिकेशन सिस्टम लागू करेगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य फर्जी यात्रियों और दलालों के हस्तक्षेप को रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि जरूरतमंद और वास्तविक यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिल सके। रेल मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह प्रणाली वास्तविक यात्रियों के लिए टिकट उपलब्धता में सुधार करेगी।
आधार ऑथेंटिकेशन सिस्टम कैसे काम करेगा?
नई व्यवस्था के तहत, तत्काल टिकट बुक करते समय यात्रियों को अपनी पहचान प्रमाणित करने के लिए आधार का उपयोग करना होगा:
- OTP प्राप्त होगा: टिकट बुकिंग प्रक्रिया के दौरान, यात्री के आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर एक वन-टाइम पासवर्ड (OTP) प्राप्त होगा।
- वेरिफिकेशन: इस OTP को IRCTC वेबसाइट पर दर्ज करके वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
- तत्काल बुकिंग सुविधा: एक बार सफलतापूर्वक वेरिफाई होने के बाद, उपयोगकर्ता को तुरंत तत्काल टिकट बुक करने की सुविधा मिलेगी।
अन-वेरिफाइड उपयोगकर्ताओं के लिए प्रतिबंध
IRCTC ने स्पष्ट किया है कि जिन उपयोगकर्ताओं का आधार वेरिफिकेशन नहीं हुआ है, उन्हें तत्काल, प्रीमियम तत्काल या एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (ARP) टिकट बुक करने के लिए कुछ दिनों का इंतजार करना होगा। ऐसे उपयोगकर्ता IRCTC पर रजिस्ट्रेशन के 3 दिन बाद ही इन सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे। इसके विपरीत, आधार वेरिफाइड उपयोगकर्ताओं पर इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा और वे तुरंत टिकट बुक कर सकेंगे।
AI तकनीक का उपयोग और एंटी-बॉट सिस्टम
रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग में बॉट्स और फर्जी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
- संदिग्ध ID निष्क्रिय: IRCTC ने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक का उपयोग करके 2.5 करोड़ से अधिक फर्जी और संदिग्ध IRCTC यूजर आईडी की पहचान की है और उन्हें निष्क्रिय कर दिया है। यह दर्शाता है कि रेलवे तकनीक का उपयोग करके धोखाधड़ी को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।
- एंटी-बॉट सिस्टम: IRCTC के अनुसार, तत्काल टिकट बुकिंग के पहले 5 मिनट में लगभग 50% लॉगिन प्रयास बॉट्स द्वारा किए जाते हैं, जिससे वास्तविक यात्री टिकट बुक नहीं कर पाते। इस समस्या से निपटने के लिए रेलवे ने एक उन्नत एंटी-बॉट सिस्टम लागू किया है।
- CDN सेवा और सर्वर अपग्रेड: रेलवे ने एक बड़ी कॉन्टेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) सेवा के साथ साझेदारी की है और अपने सर्वरों को भी अपग्रेड किया है ताकि वेबसाइट की गति और प्रदर्शन में सुधार हो सके, खासकर पीक आवर्स के दौरान।
नई व्यवस्था कब से लागू होगी?
रेल मंत्रालय ने बताया है कि ये नए नियम “बहुत जल्द” लागू किए जाएंगे। हालांकि, अभी तक किसी निश्चित तारीख की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण तैयारी:
इस नई व्यवस्था का सुचारू रूप से लाभ उठाने के लिए यात्रियों को कुछ महत्वपूर्ण कार्य पहले ही कर लेने चाहिए:
- IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक करें: अपने IRCTC अकाउंट को जल्द से जल्द अपने आधार नंबर से लिंक कर लें।
- मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा हो: सुनिश्चित करें कि आपका मोबाइल नंबर आपके आधार कार्ड से जुड़ा हुआ है, क्योंकि OTP इसी नंबर पर आएगा।
- नए उपयोगकर्ता जल्द रजिस्ट्रेशन करें: यदि आप IRCTC पर एक नए उपयोगकर्ता हैं, तो 3 दिन की वेटिंग अवधि से बचने के लिए जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर लें।
यह नई प्रणाली भारतीय रेलवे की ओर से एक बड़ा कदम है जो तत्काल टिकट बुकिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, कुशल और वास्तविक यात्रियों के लिए सुलभ बनाने की दिशा में काम करेगा। इससे दलालों और बॉट्स द्वारा किए जाने वाले फर्जीवाड़े पर भी लगाम लगेगी।

