दुनिया के दो सबसे प्रभावशाली और अक्सर विवादों में रहने वाले नेता – अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन – एक बार फिर आमने-सामने आने वाले हैं। क्रेमलिन के एक उच्च-स्तरीय अधिकारी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि दोनों नेताओं की मुलाकात “आने वाले दिनों” में हो सकती है। यह खबर सुनते ही कूटनीतिक गलियारों में एक तरह का भूचाल आ गया है, और वैश्विक विश्लेषक यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि यह ‘सीक्रेट’ मुलाकात क्या दुनिया का नक्शा बदलने वाली है।
यह कोई साधारण कूटनीतिक मुलाकात नहीं है। ट्रंप और पुतिन के बीच का रिश्ता हमेशा से ही एक रहस्य रहा है। जब ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तब भी उन पर रूस के साथ मिलीभगत के आरोप लगते रहे। उनकी मुलाकातों में जो केमिस्ट्री और बातचीत की सहजता दिखती थी, वह बाकी विश्व नेताओं के साथ उनके व्यवहार से बिल्कुल अलग थी। अब जब ट्रंप फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में सबसे आगे हैं, तब यह मुलाकात और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है। यह न सिर्फ यूक्रेन-रूस युद्ध के भविष्य को प्रभावित कर सकती है, बल्कि इससे वैश्विक संतुलन में भी भारी बदलाव आ सकता है।
इस मुलाकात का समय और संदर्भ
यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब दुनिया कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रही है।
- यूक्रेन युद्ध: यूक्रेन और रूस के बीच पिछले तीन साल से अधिक समय से चल रहा युद्ध अब एक निर्णायक मोड़ पर है। दोनों ही पक्ष थके हुए और हताश दिख रहे हैं। युद्धविराम की कोशिशें लगातार विफल हो रही हैं। ट्रंप, जो अक्सर खुद को एक “डीलमेकर” कहते हैं, ने बार-बार दावा किया है कि अगर वह राष्ट्रपति होते, तो यह युद्ध 24 घंटे में खत्म हो जाता। अब जब वह सत्ता में नहीं हैं, तब पुतिन के साथ उनकी यह मुलाकात क्या किसी पर्दे के पीछे की रणनीति का हिस्सा है?
- वैश्विक आर्थिक अस्थिरता: रूस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया है। ऊर्जा की कीमतें, मुद्रास्फीति और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान ने कई देशों को मुश्किल में डाल दिया है। क्या ट्रंप और पुतिन मिलकर इन आर्थिक चुनौतियों का कोई हल निकालने की कोशिश करेंगे?
- नाटो का भविष्य: ट्रंप हमेशा से नाटो को “अप्रचलित” और “खर्चीला” मानते रहे हैं। उन्होंने कई बार नाटो सदस्यों पर यह आरोप लगाया है कि वे अपनी रक्षा पर पर्याप्त खर्च नहीं करते हैं। पुतिन भी नाटो के पूर्वी यूरोप में विस्तार के कट्टर विरोधी हैं। इस मुलाकात में नाटो की भूमिका और भविष्य पर भी गहन चर्चा होने की संभावना है।
किन मुद्दों पर होगी गहन चर्चा?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक का एजेंडा बहुत व्यापक और संवेदनशील होगा।
- यूक्रेन में शांति प्रस्ताव: सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यूक्रेन में चल रहे युद्ध को खत्म करने का हो सकता है। क्या ट्रंप, जो पुतिन के साथ अपने संबंधों को लेकर बहुत सहज दिखते हैं, उन्हें कोई ऐसा प्रस्ताव दे सकते हैं जिसे पुतिन स्वीकार कर लें? क्या यह प्रस्ताव यूक्रेन के लिए स्वीकार्य होगा? यह देखना बाकी है।
- पश्चिमी प्रतिबंधों पर पुनर्विचार: अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस पर कई कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं। ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने की स्थिति में इन प्रतिबंधों में ढील देने की संभावना है। क्या इस मुलाकात में इन प्रतिबंधों को हटाने या कम करने की कोई रूपरेखा तैयार की जाएगी?
- मध्य पूर्व और भू-राजनीतिक मुद्दे: ईरान, सीरिया और इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष जैसे मुद्दों पर भी दोनों नेताओं के बीच बातचीत हो सकती है। दोनों ही नेता इस क्षेत्र में अपनी-अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं।
- वैश्विक सुरक्षा और परमाणु अप्रसार: परमाणु हथियारों की होड़ और वैश्विक सुरक्षा को लेकर दोनों महाशक्तियों के बीच सहयोग बहुत जरूरी है। इस मुलाकात में परमाणु अप्रसार संधियों पर भी चर्चा हो सकती है।
दुनिया की नजरें इस मुलाकात पर क्यों टिकी हैं?
इस मुलाकात के परिणाम वैश्विक राजनीति और कूटनीति पर गहरा असर डाल सकते हैं।
- ट्रंप की वापसी की तैयारी: अगर ट्रंप इस मुलाकात में पुतिन के साथ मिलकर यूक्रेन संकट का कोई हल निकाल लेते हैं, तो यह उनकी चुनावी रणनीति के लिए एक बहुत बड़ी जीत होगी। इससे वह खुद को एक कुशल अंतर्राष्ट्रीय नेता के रूप में पेश कर पाएंगे, जो युद्ध खत्म कर सकता है।
- रूस की रणनीतिक जीत: अगर पुतिन, यूक्रेन के मुद्दे पर सीधे ट्रंप के साथ बातचीत करते हैं, तो यह रूस के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत होगी। इससे दुनिया को यह संदेश जाएगा कि अमेरिका, यूक्रेन मुद्दे पर रूस के साथ सीधी बातचीत करने को तैयार है, भले ही इसके लिए नाटो और यूरोपीय सहयोगियों को दरकिनार करना पड़े।
- यूक्रेन का भविष्य: इस मुलाकात का सबसे बड़ा असर यूक्रेन पर पड़ेगा। अगर ट्रंप और पुतिन कोई समझौता करते हैं, तो यूक्रेन को उसे स्वीकार करना पड़ सकता है, भले ही वह उनकी शर्तों पर खरा न उतरता हो। यह यूक्रेन के लिए एक बहुत ही नाजुक स्थिति होगी।
यह मुलाकात कहां और कब होगी, इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है। लेकिन क्रेमलिन के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया है कि इसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी। यह मुलाकात दुनिया के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकती है, जहां अमेरिका और रूस के बीच संबंध एक नए सिरे से परिभाषित होंगे।
फिलहाल, दुनिया भर के कूटनीतिक गलियारे में हलचल है और हर कोई इस बात का इंतजार कर रहा है कि यह ‘सीक्रेट’ मुलाकात क्या दुनिया का नक्शा बदलने वाली है। यह सिर्फ दो नेताओं की मुलाकात नहीं, बल्कि दुनिया की दो सबसे बड़ी ताकतों के बीच एक महत्वपूर्ण ‘पावर गेम’ है, जिसके परिणाम आने वाले कई दशकों तक महसूस किए जाएंगे।
हम इस खबर पर अपनी नजर बनाए रखेंगे और जैसे ही कोई नया अपडेट आता है, हम आपको सबसे पहले बताएंगे।




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