‘ऑपरेशन सिंदूर’ के एक महीने बाद, जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में सामान्य स्थिति की वापसी हो रही है। स्थानीय निवासियों ने भारतीय सेना में अपना पूर्ण विश्वास व्यक्त किया है और अब क्षेत्र में शांति का माहौल है। लोग अपने सामान्य कामों पर लौट चुके हैं।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया और अपेक्षाएं
सीमा से लगभग 2 किलोमीटर दूर रहने वाले एक निवासी ने बताया कि पहले ड्रोन हमलों और गोलीबारी के कारण उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से शांत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित नई सीमा बटालियनों का स्वागत किया और इसे लोगों के लिए बड़ी राहत बताया। निवासियों ने भविष्य में बंकरों की सुविधा उपलब्ध कराने की भी मांग रखी।
स्थानीय लोगों ने भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की जमकर प्रशंसा की। उनका कहना है कि सभी ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया गया, जिसके बाद लोग अब खेतों में बेखौफ होकर काम कर रहे हैं और डर का माहौल पूरी तरह खत्म हो गया है। सीमा से 3 किलोमीटर दूर रहने वाले एक अन्य निवासी ने इस बात पर जोर दिया कि अब क्षेत्र में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं और लोग बिना किसी भय के अपने दैनिक कार्य कर रहे हैं। एक अन्य व्यक्ति ने आतंकवादियों के लॉन्च पैड को पूरी तरह से नष्ट करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
प्रधानमंत्री मोदी की घोषणाएं और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता
प्रधानमंत्री मोदी ने रियासी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बताया कि 6 मई की रात को चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने आतंकवादियों को सैकड़ों किलोमीटर अंदर तक घुसकर सबक सिखाया। पीएम ने आत्मनिर्भर भारत की शक्ति और सेना के ‘मेक इन इंडिया’ पर भरोसे की सराहना की।
इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री ने सीमा पर गोलीबारी से प्रभावित परिवारों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की। इसके तहत, पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के लिए ₹2 लाख और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए ₹1 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। यह कदम सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को राहत और सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।