मध्य पूर्व में तनाव काफी बढ़ गया है, जिसमें इज़रायल और ईरान के बीच सैन्य संघर्ष की संभावना है। सीबीएस न्यूज के सूत्रों के अनुसार, इज़रायल ईरान पर सैन्य कार्रवाई शुरू करने के लिए तैयार है, जिससे अमेरिका को चिंता है कि ईरान इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इस खतरे के कारण, अमेरिका ने अपने नागरिकों को मध्य पूर्व के कुछ देशों से निकलने की सलाह जारी की है और विदेश विभाग ने गैर-आपातकालीन सरकारी अधिकारियों को इराक छोड़ने का आदेश दिया है। बहरीन और कुवैत से भी गैर-आवश्यक कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों को वापस बुलाया जा रहा है।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर छठे दौर की वार्ता के लिए ईरान के शीर्ष नेतृत्व से मिलने की योजना बना रहे हैं। ट्रंप ने स्वयं इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिकी सैन्य कर्मियों को मध्य पूर्व से निकाला जा रहा है क्योंकि यह एक खतरनाक क्षेत्र हो सकता है। उन्होंने यह भी दोहराया कि ईरान को परमाणु संपन्न राष्ट्र बनने की अनुमति नहीं दी जाएगी, और उनके पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते।
यह टिप्पणी ईरान के साथ अमेरिका की वार्ता के असफल रहने के बाद आई है। अमेरिकी विदेश विभाग और यूएस आर्मी ने पुष्टि की है कि मध्य पूर्व में सैन्य अभियानों के लिए आवश्यक नहीं समझे जाने वाले लोगों को वापस बुलाया जा रहा है, क्योंकि परमाणु वार्ता की विफलता के कारण ईरान के साथ तनाव बढ़ गया है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिकियों को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और इसी प्रतिबद्धता के तहत, इराक में अपने मिशन की उपस्थिति कम करने का निर्णय लिया गया है। कुल मिलाकर, यह रिपोर्ट मध्य पूर्व में एक गंभीर और अस्थिर स्थिति को दर्शाती है, जिसमें सैन्य संघर्ष का जोखिम है और अमेरिका अपने कर्मियों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रहा है।