नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र के मदारचक गांव से एक बेहद दुखद और विचलित करने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक मानसिक रूप से बीमार पति ने अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या करने के बाद खुद भी अपनी जान ले ली। यह घटना शुक्रवार, 6 जून 2025 को हुई, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है।
घटना का विवरण
पुलिस सूत्रों और ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान छट्ठू रविदास के रूप में हुई है, जिसने अपनी पत्नी को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया। इस जघन्य कृत्य को अंजाम देने के बाद छट्ठू रविदास ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया, जहाँ उसकी भी मौत हो गई। प्रारंभिक जाँच में पुलिस ने दम घुटने या अन्य किसी कारण से उसकी मृत्यु की आशंका जताई है, हालाँकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही वास्तविक कारण स्पष्ट हो पाएगा।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही हिलसा डीएसपी राजेश रंजन के नेतृत्व में पुलिस दल-बल के साथ तत्काल घटनास्थल पर पहुंचा। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल भेज दिया है। डीएसपी राजेश रंजन ने बताया कि पुलिस ने पूरे मामले की गंभीरता से छानबीन शुरू कर दी है और हर पहलू से जाँच की जा रही है।
छट्ठू रविदास मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति था
डीएसपी राजेश रंजन ने आगे बताया कि छट्ठू रविदास मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति था। उसका पहले भी रांची के एक मानसिक अस्पताल में इलाज चल चुका था। उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन दिनों से छट्ठू रविदास काफी मानसिक तनाव में चल रहा था। इसी तनाव और विक्षिप्तता की स्थिति में आकर उसने अपनी पत्नी की पीट-पीट कर हत्या कर दी।
ग्रामीणों का बयान
ग्रामीणों की मानें तो छट्ठू रविदास की दिमागी हालत कुछ समय से खराब थी। कुछ साल पहले उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था, जिसके बाद उसका इलाज रांची में चला था। इलाज के बाद उसकी स्थिति में कुछ सुधार भी हुआ था, लेकिन पिछले लगभग पाँच दिनों से छट्ठू रविदास की दिमागी हालत फिर से बिगड़ गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि इसी बिगड़ी हुई मानसिक स्थिति के कारण उसने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अंजाम दिया।
आगे की कार्रवाई
यह घटना समाज में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों और उनके समय पर उपचार की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। ऐसे मामलों में परिवार और समाज दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। पुलिस इस मामले में सभी संबंधित पहलुओं की गहनता से जाँच कर रही है, जिसमें परिवारिक पृष्ठभूमि, मानसिक बीमारी के इतिहास और घटना के संभावित कारणों को समझना शामिल है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विस्तृत जाँच के बाद ही इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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