दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGIA) पर आगामी 15 जून से रनवे 10/28 पर आवश्यक मरम्मत कार्य शुरू होगा, जिससे अगले तीन महीनों के लिए हवाई यातायात काफी प्रभावित होने की संभावना है। इस महत्वपूर्ण अपग्रेडेशन के चलते रोजाना 200 से अधिक उड़ानें प्रभावित होंगी, जिनमें से 114 उड़ानें रद्द की जाएंगी और 86 उड़ानों के समय में बदलाव किया जाएगा।
पहले भी, अप्रैल में इस रनवे पर मरम्मत का काम शुरू किया गया था, लेकिन उस समय काम को स्थगित करना पड़ा। इसकी मुख्य वजह हवा की विपरीत दिशा में उड़ानों को भरने में आ रही दिक्कतें, पूर्वी हवा का प्रभाव और हवाई अड्डे पर अत्यधिक भीड़भाड़ थी। इन चुनौतियों को देखते हुए, इस बार दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालनकर्ता (DIAL) ने एयरलाइंस के साथ पहले ही गहन बातचीत की है। इस पूर्व-परामर्श के परिणामस्वरूप ही उड़ानों को रद्द करने और उनके समय में बदलाव करने का निर्णय लिया गया है, ताकि यात्रियों को कम से कम असुविधा हो।
रनवे अपग्रेडेशन और कोहरे से निपटने की तैयारी
दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालनकर्ता (DIAL) के सीईओ विदेह कुमार जयपुरिया ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रनवे 10/28 पूरी तरह से तीन महीने के लिए बंद रहेगा। इस पर मरम्मत का काम 15 जून से शुरू होकर 15 सितंबर तक चलेगा। इस मरम्मत का प्राथमिक उद्देश्य रनवे को पूरी तरह से अपग्रेड करना है ताकि इसकी दक्षता और सुरक्षा मानकों में सुधार हो सके।
इस दौरान, रनवे पर स्थापित इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) को CAT-3 मानक के अनुसार उन्नत किया जाएगा। CAT-3 ILS प्रणाली कोहरे जैसी कम दृश्यता वाली स्थितियों में विमानों को सुरक्षित रूप से उतरने और उड़ान भरने में सक्षम बनाती है। इस अपग्रेडेशन का सीधा लाभ यह होगा कि दिल्ली में कोहरे के मौसम के दौरान हवाई उड़ानों पर पड़ने वाले नकारात्मक असर को काफी हद तक कम किया जा सकेगा, जिससे यात्रियों को होने वाली देरी और असुविधा में कमी आएगी।
डायल के आंकड़ों के अनुसार, मरम्मत कार्य के कारण रोजाना कुल 200 उड़ानों पर सीधा असर पड़ेगा। इनमें से 114 उड़ानें रद्द की जाएंगी, जबकि शेष 86 उड़ानों के समय में परिवर्तन किया जाएगा। इन 86 उड़ानों को पीक आवर्स (अधिक भीड़भाड़ वाले समय) से हटाकर नॉन-पीक समय में संचालित किया जाएगा, जिससे हवाई अड्डे पर दबाव कम होगा और शेष उड़ानों का संचालन सुचारु रूप से हो सकेगा।
विदेह कुमार जयपुरिया ने यह भी स्पष्ट किया कि रनवे पर मरम्मत का कार्य 15 सितंबर तक पूरा हो जाएगा और उस पर पुनः संचालन शुरू हो जाएगा। हालांकि, ILS प्रणाली का पूरी तरह से काम और उसका अंतिम परीक्षण 27 नवंबर तक पूरा होगा। यह समय सीमा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिल्ली में कोहरे के मौसम की शुरुआत से ठीक पहले की अवधि है, जिससे हवाई अड्डा प्रणाली को पूरी तरह से तैयार होने का पर्याप्त समय मिल जाएगा।
जलवायु परिवर्तन से निपटने की दीर्घकालिक योजना
डायल केवल रनवे मरम्मत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उसने जलवायु परिवर्तन के कारण हवाई उड़ानों पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने के लिए भी एक नई और व्यापक योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। इस महत्वपूर्ण पहल के लिए, एक अंतरराष्ट्रीय सलाहकार कंपनी को नियुक्त किया गया है जो इस विषय पर गहराई से काम करेगी।
डायल के अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ सालों में दिल्ली में मौसम के पैटर्न में अप्रत्याशित बदलाव देखे गए हैं, जैसे कि एक साथ अधिक बारिश, तेज आंधी और हवाओं का बढ़ा हुआ चलन। ये मौसमी घटनाएं सीधे तौर पर हवाई उड़ानों पर बुरा असर डालती हैं, जिससे देरी, डायवर्जन और रद्दीकरण की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। डायल का लक्ष्य है कि इस कार्ययोजना को इस साल के अंत तक पूरी तरह से तैयार कर लिया जाए, ताकि भविष्य में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को बेहतर ढंग से प्रबंधित किया जा सके और हवाई यात्रा को अधिक विश्वसनीय बनाया जा सके।