बेंगलुरु, 5 जून, 2025 (गुरुवार): रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत के बाद बेंगलुरु में हुए जश्न के दौरान हुई दुखद भगदड़, जिसमें 11 प्रशंसकों की जान चली गई थी, के मामले में आज कर्नाटक हाईकोर्ट में एक महत्वपूर्ण सुनवाई होने वाली है। इस दर्दनाक घटना की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। यह अहम सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सी.एम. जोशी की पीठ के समक्ष आज दोपहर 2:30 बजे निर्धारित की गई है।
घटना का विस्तृत विवरण और कानूनी कार्रवाई की पहल
यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिससे कई जानें चली गईं। घटना के बाद, RCB प्रबंधन, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और कर्नाटक सरकार, सभी ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था, जिससे जनता और विपक्षी दलों में भारी आक्रोश था। अब कर्नाटक हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से इस मामले में न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
सरकार से मांगा गया स्पष्टीकरण: क्या हुआ और क्या कदम उठाए गए?
कर्नाटक सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि वह आज दोपहर तक हाईकोर्ट को इस घटना के बारे में विस्तृत जानकारी देगी। सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि भगदड़ कैसे हुई, इसके पीछे के क्या कारण थे, और घटना के बाद से अब तक प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं। सरकार ने अदालत को घटनाक्रम और अपनी कार्रवाई के बारे में पूरी जानकारी देने पर सहमति व्यक्त की है। यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस मामले में अपनी ओर से एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
RCB और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप: कौन है जिम्मेदार?
इस पूरे मामले में जिम्मेदारी का आरोप-प्रत्यारोप एक महत्वपूर्ण पहलू रहा है। कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वरा ने इस बात पर जोर दिया है कि विक्ट्री परेड और स्टेडियम में जश्न का आयोजन सरकार द्वारा नहीं किया गया था। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “यह (विक्ट्री परेड और स्टेडियम में जश्न) हमारी तरफ से नहीं था। हमने RCB या KSCA (कर्नाटक क्रिकेट राज्य संघ) से जश्न मनाने को लेकर कोई अनुरोध नहीं किया था… यह कार्यक्रम उन्होंने ही आयोजित किया।” परमेश्वरा ने आगे कहा कि सरकार केवल टीम का सम्मान करना चाहती थी, क्योंकि यह बेंगलुरु की टीम थी, और इसीलिए वे इस जश्न का हिस्सा बने। उनके अनुसार, यह कार्यक्रम RCB और KSCA द्वारा ही टीम को बेंगलुरु लाने और जश्न मनाने के लिए आयोजित किया गया था।
भाजपा सांसद संबित पात्रा का तीखा हमला: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पर निशाना
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद संबित पात्रा ने इस घटना के लिए सीधे तौर पर कर्नाटक सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि BCCI अध्यक्ष और IPL चेयरमैन ने ऐसे किसी कार्यक्रम की जानकारी होने से इनकार किया है। पात्रा ने सवाल उठाया कि आम तौर पर, विक्ट्री परेड जीत के कम से कम दो दिन बाद आयोजित की जाती हैं, ताकि भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त तैयारी की जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बार मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने टीम पर तुरंत जुलूस निकालने का दबाव डाला और केवल 12 घंटों में इंतजाम किए गए, जिसका दुखद परिणाम 11 लोगों की मौत के रूप में सामने आया।
पात्रा ने इस मामले में समानता का सिद्धांत भी उठाया, जब उन्होंने कहा कि जब अल्लू अर्जुन की फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान भगदड़ हुई थी, तो उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने प्रश्न किया, “तो फिर उसी तर्ज पर क्या डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया को भी गिरफ्तार किया जाएगा?” पात्रा के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है।
आगे क्या? न्याय की उम्मीद में सारा देश
कर्नाटक हाईकोर्ट में होने वाली यह सुनवाई अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भगदड़ के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करने में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। लाखों प्रशंसक और आम नागरिक इस उम्मीद में हैं कि इस दुखद त्रासदी के पीड़ितों को न्याय मिल सकेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। अदालत का फैसला इस मामले में एक नया मोड़ ला सकता है और यह तय करेगा कि जिम्मेदार कौन है और क्या उन्हें दंडित किया जाएगा।