प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) वह अद्भुत जैविक प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे, शैवाल (algae) और कुछ जीवाणु (bacteria) सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को शर्करा (ग्लूकोज) और ऑक्सीजन में परिवर्तित करते हैं। यह पृथ्वी पर जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में से एक है, क्योंकि यह न केवल अधिकांश जीवन रूपों के लिए ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है, बल्कि वायुमंडल में ऑक्सीजन का भी मुख्य स्रोत है।
प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया पौधों में कहाँ होती है?
प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया मुख्य रूप से पौधों की पत्तियों (leaves) में होती है। पत्तियों के अंदर विशेष कोशिकाएं होती हैं जिन्हें पर्णमध्योतक कोशिकाएँ (mesophyll cells) कहा जाता है। इन कोशिकाओं के भीतर छोटे, हरे रंग के अंग होते हैं जिन्हें हरितलवक (chloroplasts) कहते हैं। हरितलवक ही वह स्थान है जहाँ प्रकाश संश्लेषण की पूरी प्रक्रिया संपन्न होती है।
हरितलवक के भीतर, थाइलाकोइड (thylakoid) नामक छोटी, चपटी थैलीनुमा संरचनाएं होती हैं। ये थैलियां ढेर के रूप में व्यवस्थित होती हैं जिन्हें ग्रैना (grana) कहा जाता है (एकल ग्रैनम)। थाइलाकोइड की झिल्लियों (membranes) में हरे रंग का वर्णक क्लोरोफिल (chlorophyll) पाया जाता है। क्लोरोफिल ही वह रसायन है जो सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा को अवशोषित करने के लिए जिम्मेदार होता है, जिससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया शुरू होती है। थाइलाकोइड के चारों ओर के द्रव-भरे स्थान को स्ट्रोमा (stroma) कहा जाता है, जहाँ प्रकाश-स्वतंत्र अभिक्रियाएं (dark reactions) होती हैं।
संक्षेप में, प्रकाश संश्लेषण के लिए मुख्य स्थल हैं:
पत्तियां: प्राथमिक अंग।
पर्णमध्योतक कोशिकाएँ: पत्तियों के भीतर की कोशिकाएं।
हरितलवक: पर्णमध्योतक कोशिकाओं के भीतर के अंग।
थाइलाकोइड झिल्ली: हरितलवक के भीतर जहाँ क्लोरोफिल होता है।
प्रकाश संश्लेषण के लिए किन मुख्य घटकों की आवश्यकता होती है?
प्रकाश संश्लेषण की सफल प्रक्रिया के लिए चार मुख्य घटकों का होना आवश्यक है:
सूर्य का प्रकाश (Sunlight):
सूर्य का प्रकाश प्रकाश संश्लेषण के लिए ऊर्जा का अंतिम स्रोत है। क्लोरोफिल वर्णक सूर्य के प्रकाश में मौजूद दृश्यमान स्पेक्ट्रम (खासकर लाल और नीले प्रकाश) को अवशोषित करता है। यह अवशोषित प्रकाश ऊर्जा पानी के अणुओं को तोड़ने (प्रकाश-अपघटन) और एटीपी (ATP) तथा एनएडीपीएच (NADPH) जैसे ऊर्जा-वाहक अणुओं के निर्माण के लिए उपयोग की जाती है। इन ऊर्जा अणुओं का उपयोग बाद में कार्बन डाइऑक्साइड को शर्करा में बदलने के लिए किया जाता है। प्रकाश की तीव्रता, गुणवत्ता और अवधि प्रकाश संश्लेषण की दर को प्रभावित करती है।
कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide – CO2):
कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल से प्राप्त होती है। पत्तियों की सतह पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिन्हें स्टोमेटा (stomata) कहा जाता है। इन स्टोमेटा के माध्यम से कार्बन डाइऑक्साइड पत्तियों के अंदर प्रवेश करती है और पर्णमध्योतक कोशिकाओं तक पहुँचती है। हरितलवक के स्ट्रोमा में, कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग केल्विन चक्र (Calvin Cycle) नामक एक प्रक्रिया में किया जाता है, जहाँ इसे शर्करा (ग्लूकोज) में परिवर्तित किया जाता है। कार्बन डाइऑक्साइड प्रकाश संश्लेषण के लिए कार्बन का स्रोत है।
पानी (Water – H2O):
पौधे अपनी जड़ों के माध्यम से मिट्टी से पानी अवशोषित करते हैं। यह पानी जाइलम (xylem) नामक संवहन ऊतक के माध्यम से पत्तियों तक पहुंचता है। प्रकाश-निर्भर अभिक्रियाओं के दौरान, पानी के अणु सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके टूट जाते हैं (इसे फोटोलाइसिस कहते हैं)। इस प्रक्रिया से इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन (हाइड्रोजन आयन) और ऑक्सीजन गैस उत्पन्न होती है। मुक्त हुए इलेक्ट्रॉन क्लोरोफिल द्वारा अवशोषित प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जबकि ऑक्सीजन गैस एक उपोत्पाद के रूप में वायुमंडल में छोड़ दी जाती है।
क्लोरोफिल (Chlorophyll):
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, क्लोरोफिल एक हरा वर्णक है जो हरितलवक की थाइलाकोइड झिल्लियों में पाया जाता है। यह प्रकाश संश्लेषण का सबसे महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि यह सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा को सीधे अवशोषित करता है। क्लोरोफिल कई प्रकार के होते हैं (जैसे क्लोरोफिल ए और क्लोरोफिल बी), लेकिन क्लोरोफिल ए प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदलने में प्राथमिक भूमिका निभाता है। क्लोरोफिल की उपस्थिति ही पौधों को उनका हरा रंग देती है।
इन चार घटकों की उपस्थिति के बिना, प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया असंभव है। ये घटक एक जटिल रासायनिक श्रृंखला प्रतिक्रिया में एक साथ काम करते हैं जो पृथ्वी पर लगभग सभी जीवन के लिए ऊर्जा और ऑक्सीजन का उत्पादन करती है।