पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान का अहंकार नष्ट हो गया है। आने वाले दिनों में भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ और अधिक बड़ी कार्रवाई किये जाने की उम्मीद है। इस बीच, पाकिस्तान चुप रहा है और उसने बातचीत के जरिए तनाव कम करने का आह्वान किया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने दोनों देशों से अपने विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत का सहारा लेने का आग्रह किया।
एक निजी पाकिस्तानी टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में बिलावल ने नई दिल्ली द्वारा वार्ता करने से इनकार करने पर खेद व्यक्त किया और कहा कि पाकिस्तान सरकार ने वार्ता की पेशकश की थी लेकिन भारत ने उसे अस्वीकार कर दिया था। इसका मतलब यह है कि यह स्पष्ट है कि पाकिस्तानी हमलावर की बातचीत से जुड़े इस नाटक का भारत पर कोई असर नहीं पड़ा है और भारत इस आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तान को उचित जवाब देने के लिए तैयार है।
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। इस हमले में 26 लोग मारे गए। इसके बाद भारत ने सिंधु जल संधि रोक दी, जिससे पाकिस्तान में पानी की कमी हो सकती है। भारत ने अटारी सीमा भी बंद कर दी तथा पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा रद्द कर दिया। इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने शाहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई फैसले लिए, जिनमें भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करना भी शामिल था। हालाँकि, भारत में इसका कोई बड़ा प्रभाव नहीं दिखता।
इससे पहले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने नदियों में पानी की आपूर्ति बंद होने पर रक्तपात की धमकी दी थी। यह धमकी पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित करने के भारत के फैसले की प्रतिक्रिया थी। पूर्व विदेश मंत्री ने शुक्रवार को अपने गृह प्रांत सिंध के सुक्कुर क्षेत्र में एक सार्वजनिक रैली के दौरान द न्यूज से कहा, “सिंधु हमारी है और हमारी ही रहेगी: या तो हमारा पानी इसमें बहेगा या इसका खून।” इस पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया हुई। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को पीपीपी अध्यक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि दुनिया भर में ऐसे राजनेताओं की मौजूदगी दुर्भाग्यपूर्ण है। गोयल ने आगे कहा कि पाकिस्तान एक हताश देश है जिसकी आतंक फैलाने के अलावा कोई अन्य प्राथमिकता नहीं है।