हैदराबाद में चारमीनार के पास गुलजार हाउस में रविवार सुबह लगी आग ने न केवल एक इमारत को नष्ट कर दिया, बल्कि एक पूरा परिवार नष्ट हो गया। इस भीषण अग्निकांड में 8 मासूम बच्चों समेत 17 लोगों की मौत हो गई। लेकिन इस त्रासदी में सबसे चौंकाने वाला दृश्य तब हुआ जब आपातकालीन कर्मचारी एक कमरे में पहुंचे। वहां एक मां ने अपनी अंतिम सांस तक अपने चार बच्चों को सीने से लगाये रखा। शव पूरी तरह जल चुके थे। दृश्य इतना सुन्दर था कि हर आँख नम थी और हर दिल कांप उठा।
उस इमारत में लगी भीषण आग में एक ही परिवार के 17 लोगों की जान चली गई। दुर्घटना का सबसे हृदय विदारक दृश्य तब दिखा जब राहत एवं सहायता कार्य में लगे लोगों को पहली मंजिल पर एक महिला का जला हुआ शव मिला, जिसके सीने से चार बच्चे लटके हुए थे।
आग का भयावह दृश्य – प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी
मीर जाहिद उस स्थान पर सबसे पहले पहुंचे। उन्होंने कहा कि महिला अपने हाथ में जलती हुई मोबाइल टॉर्च पकड़े हुए थी और यह स्पष्ट था कि वह धुएं से भरे अंधेरे में बच्चों को रास्ता दिखाने की कोशिश कर रही थी। बच्चों में दो लड़कियां, एक लड़का और एक नवजात शिशु शामिल हैं। “संभवतः उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक उन्हें बचाने की कोशिश की। यह दृश्य मेरे जीवन का सबसे भयावह अनुभव था।”
मोहम्मद अज़मत भी राहत प्रयासों में उनके साथ शामिल हुए। उन्होंने कहा, “हमने उन्हें चादर से ढक दिया। मुझे नहीं लगता कि मैं उस दृश्य को कभी भूल पाऊंगा।” बचावकर्मियों ने पास की एक इमारत की दीवार तोड़कर आग में फंसे लोगों को बचाने की कोशिश की, लेकिन अंदर का दृश्य दिल दहला देने वाला था। उसी कमरे से दो और शव बरामद किये गये।
आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, लेकिन आधिकारिक जांच जारी है। अग्निशमन विभाग के अनुसार, जब तक उन्हें सूचना मिली और वे घटनास्थल पर पहुंचे, तब तक आग ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया था।