मुंबई/नागपुर, [आज की तारीख: 25 जून 2025] – मुंबई की सड़कों पर बेघर, बीमार और कचरे के ढेर के पास लावारिस पड़ी एक वृद्ध महिला की कहानी सुनकर आपकी आंखें नम हो जाएंगी। लेकिन, यह कहानी सिर्फ दुख और लाचारी की नहीं, बल्कि इंसानियत, सेवाभाव और एक नई जिंदगी मिलने की उम्मीद की भी है। इस महिला को मुंबई से नागपुर के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (NCI) में इलाज के लिए लाया गया है, जहाँ डॉक्टरों की टीम उसे नया जीवन देने में जुटी है। यह घटना दर्शाती है कि समाज में अभी भी ऐसे लोग हैं जो बेसहारा लोगों के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं।
मुंबई के कचरे के ढेर में मिली ‘अभागी’ जिंदगी
यह दिल दहला देने वाली घटना मुंबई के [कृपया यहाँ मुंबई के उस इलाके का नाम डालें, यदि ज्ञात हो, जैसे ‘धारावी’, ‘बांद्रा’, आदि] इलाके की है। कुछ दिन पहले, स्थानीय लोगों ने कचरे के ढेर के पास एक वृद्ध महिला को अचेत अवस्था में पड़ा देखा। महिला की हालत बेहद गंभीर थी, वह कुपोषण और बीमारी से जूझ रही थी, और शरीर पर कई घाव थे। देखकर लग रहा था कि वह लंबे समय से सड़क पर ही रह रही थी और उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।
स्थानीय निवासियों और कुछ समाजसेवियों ने महिला को देखा तो उनका दिल पसीज गया। उन्होंने तुरंत महिला को प्राथमिक सहायता दी और पुलिस को सूचना दी।
नागपुर NCI तक का सफर: एक नई उम्मीद
मुंबई से मिली इस बेसहारा महिला की खबर जब नागपुर के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (NCI) तक पहुंची, तो संस्थान के चेयरमैन और जाने-माने कैंसर विशेषज्ञ डॉ. आनंद पाठक ने तुरंत मदद का हाथ बढ़ाया। उन्होंने न केवल महिला को नागपुर लाने की व्यवस्था की, बल्कि उसके मुफ्त इलाज की पूरी जिम्मेदारी भी ली। यह एक अद्भुत मिसाल है, क्योंकि NCI मुख्य रूप से कैंसर के मरीजों का इलाज करता है, लेकिन इस मानवीय पहल ने संस्थान के सेवाभाव को उजागर किया है।
महिला को विशेष एम्बुलेंस के जरिए नागपुर लाया गया, जहाँ NCI के डॉक्टरों की टीम ने तुरंत उसका मेडिकल चेकअप किया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि महिला को गंभीर संक्रमण, कुपोषण और कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं।
डॉक्टरों की टीम जुटी, जिंदगी बचाने की जंग जारी
NCI में डॉक्टरों की एक समर्पित टीम अब इस वृद्ध महिला के इलाज में जुटी हुई है। उसे आवश्यक दवाएं, पोषक तत्व और उचित देखभाल दी जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि महिला की हालत नाजुक है, लेकिन वे उसे बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। महिला की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, और पुलिस भी उसके परिवार को खोजने की कोशिश कर रही है।
डॉ. पाठक ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने इस महिला को देखकर महसूस किया कि यह सिर्फ एक मरीज नहीं, बल्कि एक इंसान है जिसे हमारी मदद की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। हमारा संस्थान उसकी जान बचाने और उसे एक गरिमापूर्ण जीवन देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
एक सबक और प्रेरणा
यह घटना हमें समाज के उन बेसहारा और उपेक्षित लोगों की याद दिलाती है, जिन्हें हमारी मदद और सहानुभूति की सख्त ज़रूरत है। मुंबई की सड़कों पर कचरे के बीच पाई गई इस महिला को नागपुर NCI में मिला इलाज एक उम्मीद की किरण है, जो दर्शाती है कि इंसानियत अभी भी जिंदा है। यह कहानी हमें प्रेरित करती है कि हम अपने आसपास के ऐसे लोगों पर ध्यान दें और जितना हो सके उनकी मदद करें।
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