मुंबई: मायानगरी मुंबई से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने रिश्तों की मर्यादाओं को तार-तार कर दिया है। एक युवक ने अपनी बुजुर्ग दादी, जो गंभीर कैंसर से जूझ रही थीं, को बेरहमी से कूड़े के ढेर में फेंक दिया और फरार हो गया। इस शर्मनाक हरकत को देखकर आसपास के लोगों की रूह कांप उठी। यह घटना न सिर्फ मानवता को कलंकित करती है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि क्या अपनों के प्रति संवेदनाएं पूरी तरह से खत्म हो चुकी हैं?
मानवता हुई शर्मसार: बेबस दादी को कूड़े में फेंका
यह दिल दहलाने वाली घटना मुंबई के एक भीड़भाड़ वाले इलाके में घटी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक युवक एक बुजुर्ग महिला को, जो बेहद कमजोर और दर्द से कराह रही थीं, एक रिक्शे से उतारकर लाया। इसके बाद उसने उन्हें पास के ही कूड़े के ढेर के किनारे लिटा दिया और बिना किसी हिचकिचाहट के वहां से चला गया।
जब स्थानीय लोगों ने बुजुर्ग महिला की हालत देखी, तो वे हैरान रह गए। वह बेहद कमजोर थीं और दर्द से तड़प रही थीं। पूछताछ करने पर पता चला कि वह कैंसर से जूझ रही हैं और चलने-फिरने में भी असमर्थ हैं। महिला ने बताया कि उन्हें उनके पोते ने यहां लाकर छोड़ दिया है।
कैंसर से पीड़ित, दर्द से कराहती दादी – पोते ने दिखाया पत्थर दिल
बुजुर्ग महिला की हालत देखकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। एक तरफ उनकी गंभीर बीमारी का दर्द था, तो दूसरी तरफ अपने ही पोते की इस अमानवीय हरकत का सदमा। लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और महिला को अस्पताल पहुंचाया।
डॉक्टरों ने बताया कि महिला कैंसर के अंतिम stages में हैं और उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता की जरूरत है। उनकी शारीरिक स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है। इस बीच, पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है और फरार पोते की तलाश जारी है।
क्यों किया पोते ने ऐसा? रिश्तों का कत्ल
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर क्यों एक पोता अपनी बीमार और बेबस दादी के साथ इतनी क्रूरता कर सकता है? क्या पारिवारिक मूल्यों और रिश्तों का अब कोई मोल नहीं रह गया है? कुछ लोगों का मानना है कि यह घटना समाज में बढ़ती संवेदनहीनता और अकेलेपन का परिणाम है।
यह भी संभव है कि युवक अपनी दादी की बीमारी और देखभाल की जिम्मेदारी से छुटकारा पाना चाहता था। हालांकि, किसी भी परिस्थिति में एक बेबस बुजुर्ग को इस तरह से मरने के लिए छोड़ देना अक्षम्य अपराध है।
मुंबई में आक्रोश, बिहार में भी चिंता
मुंबई में इस घटना के सामने आने के बाद लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। सामाजिक कार्यकर्ता और आम नागरिक इस शर्मनाक हरकत की कड़ी निंदा कर रहे हैं और आरोपी पोते के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
बिहार के पटना में भी, जहाँ पारिवारिक मूल्यों और बुजुर्गों के सम्मान को विशेष महत्व दिया जाता है, इस घटना को सुनकर लोग स्तब्ध हैं और चिंता व्यक्त कर रहे हैं। यह घटना हर उस व्यक्ति को झकझोर कर रख देती है जो रिश्तों की पवित्रता और मानवता में विश्वास रखता है।
अब क्या होगा? इंसाफ की उम्मीद
पुलिस ने आरोपी पोते के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। उम्मीद है कि जल्द ही उसे पकड़ा जाएगा और कानून के अनुसार सजा मिलेगी।
इस बीच, बुजुर्ग महिला का अस्पताल में इलाज चल रहा है और कुछ समाजसेवी संगठन उनकी देखभाल में जुटे हुए हैं। यह घटना हमें याद दिलाती है कि हमें अपने आसपास के बुजुर्गों और जरूरतमंदों के प्रति और अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है। किसी भी बेबस इंसान को इस तरह की अमानवीय परिस्थितियों में नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
यह घटना मानवता के माथे पर एक काला धब्बा है, और उम्मीद है कि दोषी को कड़ी सजा मिलेगी ताकि समाज में इस तरह की शर्मनाक हरकतें दोबारा न हों। क्या रिश्तों का सम्मान और मानवता पूरी तरह से खत्म हो चुकी है? यह सवाल आज हर संवेदनशील मन को कचोट रहा है।
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