मानसून ने पूरे देश में अपनी रफ्तार पकड़ ली है और कई राज्यों में भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। सड़कों पर पानी, घरों में घुसता सैलाब और कृषि भूमि का जलमग्न होना – ये वो तस्वीरें हैं जो इस वक्त देश के कई हिस्सों से सामने आ रही हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए भी कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर होने की आशंका है।
किन राज्यों में सबसे ज़्यादा कहर?
फिलहाल, देश के कई राज्य बाढ़ और जलभराव की चपेट में हैं। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
- उत्तरी राज्य: हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं और भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आ रही हैं, जिससे कई सड़कें बंद हो गई हैं।
- पूर्वोत्तर भारत: असम और अरुणाचल प्रदेश में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। अरुणाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी जलभराव से हजारों लोग फंसे हुए हैं और कुछ स्थानों पर जानमाल का नुकसान भी हुआ है।
- पूर्वी और मध्य भारत: बिहार और उत्तर प्रदेश के निचले इलाकों में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के भी कुछ जिलों में भारी बारिश और जलभराव की खबरें हैं।
- पश्चिमी राज्य: महाराष्ट्र के कोंकण और गोवा क्षेत्र के साथ-साथ गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी मूसलाधार बारिश ने सामान्य जनजीवन को बाधित किया है। मुंबई में हाईटाइड की चेतावनी जारी की गई है, जिससे तटीय इलाकों में सतर्कता बढ़ाई गई है।
जनजीवन पर गहरा असर
बाढ़ की वजह से आम लोगों की जिंदगी पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गई है:
- यातायात बाधित: कई राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग पानी में डूब गए हैं या भूस्खलन के कारण बंद हो गए हैं, जिससे आवागमन ठप हो गया है। ट्रेनें और उड़ानें भी प्रभावित हुई हैं।
- फसलों को नुकसान: कृषि प्रधान इलाकों में किसानों की खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है। यह उनकी आजीविका के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
- बिजली और संचार समस्या: कई इलाकों में बिजली गुल है और संचार व्यवस्था भी ठप पड़ गई है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में बाधा आ रही है।
- स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं: बाढ़ के बाद जलजनित बीमारियों जैसे हैजा, टाइफाइड और डेंगू के फैलने का खतरा बढ़ गया है।
- विस्थापन: हजारों लोगों को अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
सरकार और प्रशासन की तैयारी
केंद्रीय और राज्य सरकारें स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रही हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और भोजन, पानी व चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
जिला प्रशासन द्वारा संभावित बाढ़ से निपटने के लिए भी तैयारियां की जा रही हैं, जिनमें राहत शिविरों और सामुदायिक रसोईघरों की पहचान, नावों का पंजीकरण, गोताखोरों को प्रशिक्षण और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था शामिल है।
आगे क्या? मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि अगले 25 से 30 जून के बीच 16 राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। दिल्ली में भी आज मानसून के दस्तक देने की संभावना है, जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन साथ ही निचले इलाकों में जलभराव की चिंता भी बढ़ गई है।
हमें उम्मीद है कि यह मुश्किल दौर जल्द ही समाप्त होगा और जनजीवन सामान्य होगा। सभी से अनुरोध है कि सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित रहें।
क्या आपके इलाके में भी बाढ़ का खतरा है या आपने ऐसी कोई स्थिति देखी है? नीचे कमेंट बॉक्स में अपना अनुभव साझा करें!
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