सावन का पवित्र महीना, भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित, अपने पूरे वैभव और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ आ चुका है! यह माह शिव भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस दौरान भगवान शिव धरती पर ही वास करते हैं और भक्तों की थोड़ी सी भक्ति भी अनंत गुना फल प्रदान करती है। सावन के सोमवार हों, या पूरा महीना, शिव पूजन का अपना विशेष महत्व है। मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाना, बेलपत्र अर्पित करना, और रुद्राभिषेक करना इस माह के प्रमुख अनुष्ठान हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन पारंपरिक पूजा विधियों के अलावा, सावन में कुछ खास जगहों पर दीपक जलाने से आपके सोये हुए भाग्य के दरवाजे खुल सकते हैं और आपको शिव-पार्वती का असीम आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है?
अगर आप भी अपने जीवन में सुख-समृद्धि लाना चाहते हैं, आर्थिक परेशानियों से मुक्ति पाना चाहते हैं, गंभीर बीमारियों से छुटकारा चाहते हैं, और अपनी सभी मनोकामनाएं पूरी करना चाहते हैं, तो सावन के इन पवित्र दिनों में नीचे बताई गई जगहों पर विधि-विधान से दीपक अवश्य जलाएं। यह एक सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली उपाय है, जिसे अपनाकर आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव देख सकते हैं।
क्यों है सावन में दीपक जलाना इतना खास और फलदायी?
सनातन धर्म में दीपक को केवल प्रकाश का स्रोत नहीं माना जाता, बल्कि इसे ज्ञान, प्रकाश, समृद्धि, सकारात्मकता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। दीपक की लौ अज्ञानता के अंधकार को दूर करती है और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करने वाला दीपक, देवताओं तक हमारी प्रार्थनाओं को पहुंचाने का माध्यम भी माना जाता है।
सावन माह में भगवान शिव पृथ्वी पर वास करते हैं और प्रकृति के साथ उनका गहरा संबंध है – हरियाली, जल, और शिवलोक में प्रकृति का अद्भुत सौंदर्य। ऐसे में दीपक जलाना, शिव और प्रकृति दोनों के प्रति हमारी कृतज्ञता और भक्ति को व्यक्त करने का एक तरीका है।
शास्त्रों के अनुसार, सावन में विधि-विधान से दीपक जलाने से शिव परिवार (भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय जी) प्रसन्न होते हैं। यह राहु-केतु जैसे क्रूर ग्रहों के अशुभ प्रभावों को शांत करता है, पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है, और व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाओं और कष्टों को दूर करता है। यह आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ भौतिक सुख-समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
सावन में इन 7 जगहों पर दीपक जलाकर देखें, कैसे चमकती है आपकी किस्मत और बदलता है जीवन!
यहाँ उन विशेष स्थानों का विस्तृत विवरण दिया गया है जहाँ सावन में दीपक जलाने से आपको अद्भुत और चमत्कारिक लाभ मिल सकते हैं:
1. बेलपत्र के वृक्ष के नीचे – धन-धान्य और कर्ज मुक्ति के लिए:
- महत्व: बेलपत्र का वृक्ष भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि बेलपत्र के वृक्ष की जड़ में स्वयं भगवान शिव का वास होता है, उनके तने में माता पार्वती का, शाखाओं में कार्तिकेय का और पत्तों में गणेश जी का। सावन में बेलपत्र के नीचे दीपक जलाने से शिव परिवार सहित सभी देवी-देवता शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। यह एक साक्षात कल्पवृक्ष के समान फल देता है।
- कैसे जलाएं: सावन के प्रत्येक सोमवार को या सावन के किसी भी दिन प्रदोष काल (शाम) में स्नान के बाद, एक शुद्ध देसी घी का दीपक बेलपत्र के वृक्ष के नीचे जलाएं। दीपक जलाते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ या ‘महामृत्युंजय मंत्र’ का कम से कम 108 बार जाप करें। दीपक के साथ थोड़ी मिठाई या फल भी अर्पित कर सकते हैं।
- लाभ: इस उपाय से धन संबंधी सभी परेशानियां दूर होती हैं। व्यक्ति को कर्ज मुक्ति मिलती है और आकस्मिक धन लाभ के प्रबल योग बनते हैं। परिवार में सुख-शांति का माहौल बनता है और सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ता है। व्यापार और नौकरी में भी उन्नति होती है।
2. शिव मंदिर में गर्भगृह के सामने या शिवलिंग के पास – मोक्ष और रोगों से मुक्ति के लिए:
- महत्व: शिव मंदिर में गर्भगृह के सामने या शिवलिंग के पास दीपक जलाना सबसे सामान्य और प्रभावी तरीका है। सावन में शिव मंदिर में दीपक जलाने से सीधे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, क्योंकि यह उनकी प्रत्यक्ष उपस्थिति का स्थान है। यह घर में अतुलनीय सकारात्मक ऊर्जा लाता है और सभी प्रकार के शारीरिक व मानसिक कष्टों को दूर करता है।
- कैसे जलाएं: शिव मंदिर के गर्भगृह के सामने या शिवलिंग के बिल्कुल पास (यदि अनुमति हो) एक शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं। सुनिश्चित करें कि दीपक शिव जी की मूर्ति या शिवलिंग के सामने सीधे हो ताकि उसकी लौ शिवजी पर पड़े। ‘ॐ नमः शिवाय’ का लगातार उच्चारण करते रहें।
- लाभ: इस उपाय से मोक्ष की प्राप्ति होती है, व्यक्ति को गंभीर और असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है। अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और जीवन में दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। मन शांत रहता है, तनाव कम होता है और आध्यात्मिक उन्नति के द्वार खुलते हैं।
3. घर के मुख्य द्वार पर (शाम को) – धन और समृद्धि के लिए:
- महत्व: घर का मुख्य द्वार लक्ष्मी का प्रवेश द्वार माना जाता है। यह वह स्थान है जहाँ से सकारात्मक ऊर्जा और धन का आगमन होता है। सावन में प्रतिदिन शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है और किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां या बुरी नजर घर में प्रवेश नहीं कर पाती। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर में वास करती हैं और दरिद्रता दूर होती है।
- कैसे जलाएं: सूर्यास्त के बाद प्रतिदिन घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर या बीच में (एक विषम संख्या में) एक दीपक (घी या तिल के तेल का) जलाएं। दीपक का मुख बाहर की ओर होना चाहिए।
- लाभ: घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है, आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। कर्ज की समस्या से निजात मिलती है और व्यापार व करियर में सफलता के नए अवसर प्राप्त होते हैं। परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
4. तुलसी के पौधे के पास – रोग-दोष मुक्ति और पारिवारिक शांति के लिए:
- महत्व: तुलसी को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। यह भगवान विष्णु को प्रिय है और हर हिंदू घर में इसका विशेष स्थान है। तुलसी में औषधीय गुण भी होते हैं और यह वातावरण को शुद्ध करती है। सावन में तुलसी के पास दीपक जलाना, शिव और विष्णु दोनों का आशीर्वाद दिलाता है, क्योंकि सावन शिव का माह है, लेकिन तुलसी का पूजन सभी देवी-देवताओं को प्रसन्न करता है।
- कैसे जलाएं: सावन के दिनों में प्रतिदिन शाम को स्नान के बाद तुलसी के पौधे के पास एक देसी घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ या ‘जय माता तुलसी’ मंत्र का जाप करें। तुलसी को जल भी अर्पित करें।
- लाभ: इस उपाय से घर में शांति बनी रहती है, परिवार के सदस्यों के बीच कलह दूर होता है। सभी प्रकार के रोग-दोष दूर होते हैं और परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं और योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
5. शमी के वृक्ष के नीचे – शनि दोष निवारण और करियर सफलता के लिए:
- महत्व: शमी का वृक्ष शनि देव को अत्यंत प्रिय है और इसकी पूजा से शनि की साढ़ेसाती व ढैया के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, शमी का पत्ता भगवान शिव को भी अर्पित किया जाता है, जिससे शिव भी प्रसन्न होते हैं। सावन में शमी के वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से शनि दोषों से मुक्ति मिलती है और भगवान शिव की कृपा भी प्राप्त होती है।
- कैसे जलाएं: सावन में विशेष रूप से शनिवार के दिन शाम को शमी के वृक्ष के नीचे एक तिल के तेल का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय शनि मंत्रों (जैसे ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’) का जाप करें और शनि चालीसा का पाठ करें।
- लाभ: शनि की साढ़ेसाती और ढैया के अशुभ प्रभावों से राहत मिलती है, करियर में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और नौकरी व व्यापार में सफलता मिलती है। शत्रु परास्त होते हैं और सभी कानूनी मामलों में विजय प्राप्त होती है।
6. पीपल के वृक्ष के नीचे – पितृ दोष शांति और सौभाग्य वृद्धि के लिए:
- महत्व: पीपल के वृक्ष में त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का वास माना जाता है। यह अत्यंत पवित्र और पूजनीय वृक्ष है, जिसे कल्पवृक्ष का लघु रूप भी कहा जाता है। सावन में पीपल के नीचे दीपक जलाने से पितृ दोष शांत होते हैं और सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे सौभाग्य में वृद्धि होती है।
- कैसे जलाएं: सावन में विशेष रूप से शनिवार या सोमवार के दिन शाम को पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय भगवान विष्णु के नाम का स्मरण करें और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें। पीपल के वृक्ष की परिक्रमा भी कर सकते हैं।
- लाभ: पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है, जिससे परिवार में सुख-शांति और बरकत आती है। सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। स्वास्थ्य और धन संबंधी समस्याओं का भी निवारण होता है।
7. नदी या तालाब के किनारे (दीपदान) – पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति के लिए:
- महत्व: सावन में नदियों में स्नान और दीपदान का विशेष महत्व है। किसी पवित्र नदी या तालाब के किनारे दीपक जलाकर उसे जल में प्रवाहित करना ‘दीपदान’ कहलाता है। यह अत्यंत पुण्यकारी कार्य माना जाता है और इसे करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है।
- कैसे जलाएं: सावन में किसी भी शुभ दिन शाम के समय एक आटे का दीपक बनाकर उसमें घी डालकर जलाएं। ‘ॐ नमः शिवाय’ या ‘गंगा मैया की जय’ का जाप करते हुए उसे श्रद्धापूर्वक जल में प्रवाहित कर दें। ध्यान रहे कि दीपक पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए।
- लाभ: इस उपाय से जन्म-जन्मांतर के सभी पापों का नाश होता है, कष्ट दूर होते हैं और अंततः मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह परिवार के लिए भी सौभाग्य लाता है और आने वाली पीढ़ियों को भी इसका पुण्य फल मिलता है।
दीपक जलाने के कुछ महत्वपूर्ण नियम और सावधानियां:
- दीपक का चयन: मिट्टी का दीपक सबसे शुभ माना जाता है क्योंकि यह पंच तत्वों में से एक पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है। आप धातु (पीतल, तांबा) के दीपक का भी उपयोग कर सकते हैं।
- घी या तेल का चुनाव: देसी घी का दीपक देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए उत्तम और सबसे पवित्र होता है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाता है। शनि देव के लिए तिल का तेल या सरसों का तेल उपयोग करें। अन्य देवी-देवताओं के लिए शुद्ध वनस्पति तेल का भी उपयोग किया जा सकता है।
- रुई की बाती: हमेशा नई, साफ और शुद्ध रुई की बाती का इस्तेमाल करें। बाती को दीपक के आकार के अनुसार बनाएं ताकि लौ स्थिर और अच्छी हो।
- साफ-सफाई: दीपक जलाने से पहले उस स्थान को अच्छी तरह से साफ कर लें। स्वच्छ वातावरण में ही दीपक जलाना अधिक फलदायी होता है।
- पूर्ण श्रद्धा और सकारात्मक भाव: दीपक जलाते समय मन में पूर्ण श्रद्धा, भक्ति और सकारात्मक भाव रखें। किसी भी प्रकार का नकारात्मक विचार या संदेह मन में न लाएं। अपनी मनोकामना को मन में दोहराते हुए दीपक प्रज्वलित करें।
- शुभ मुहूर्त: शाम का समय, विशेषकर प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का समय), दीपक जलाने के लिए विशेष शुभ होता है, क्योंकि यह समय शिव पूजन के लिए सबसे उत्तम माना गया है।
- सुरक्षा का ध्यान: दीपक जलाते समय सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें, खासकर यदि आप उसे घर के बाहर या भीड़भाड़ वाले स्थान पर जला रहे हों। अग्नि सुरक्षा नियमों का पालन करें।
- निरंतरता: यदि संभव हो तो इन उपायों को सावन के पूरे महीने या कम से कम प्रत्येक सोमवार को निरंतरता के साथ करें।
सावन का यह पवित्र महीना आपके लिए सुख-समृद्धि, खुशियां और आध्यात्मिक शांति लेकर आए, यही हमारी कामना है। इन पवित्र स्थानों पर दीपक जलाकर आप भी भगवान शिव और माता पार्वती का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने भाग्य के सभी द्वार खोलें। हर-हर महादेव!




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