मुजफ्फरपुर, बिहार: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली और रूह कंपा देने वाली वारदात ने पूरे राज्य को सन्न कर दिया है। यहां एक मासूम, मेधावी छात्रा को कुछ वहशी दरिंदों ने अपनी हैवानियत का शिकार बनाया और फिर पहचान छिपाने के लिए उसकी निर्ममता से हत्या कर दी। इस जघन्य घटना ने मुजफ्फरपुर ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार में गुस्से और आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। हालांकि, मुजफ्फरपुर पुलिस ने अपनी मुस्तैदी का परिचय देते हुए, इस नृशंस अपराध के मात्र 24 घंटों के भीतर सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली है, लेकिन पीड़िता के परिवार का दर्द और आम जनता का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और दोषियों के लिए अविलंब फांसी की मांग कर रहे हैं।
अंजलि की हँसती दुनिया पर मौत का साया: क्या हुआ था उस मनहूस शाम?
यह दिल दहला देने वाली घटना मुजफ्फरपुर जिले के देवरिया थाना क्षेत्र (काल्पनिक स्थान) से सटे एक छोटे से ग्रामीण इलाके की है। 17 वर्षीय अंजलि (बदला हुआ नाम) अपने माता-पिता की इकलौती बेटी थी और गांव के ही एक प्रतिष्ठित स्कूल में 12वीं कक्षा की छात्रा थी। वह पढ़ने में बेहद होशियार और शांत स्वभाव की थी। उसके सपने थे कि वह पढ़-लिखकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करे, समाज में कुछ अच्छा योगदान दे। परिवार में अंजलि की हंसी से ही रौनक रहती थी।
मंगलवार की शाम, अंजलि अपनी सहेली के घर से नोट्स लेने या किसी छोटे-मोटे काम के लिए घर से निकली थी। अमूमन वह आधे घंटे में लौट आती थी, लेकिन उस दिन घंटे बीतते गए और अंजलि घर नहीं लौटी। पहले तो परिवार को लगा कि शायद उसे देर हो गई होगी, लेकिन रात जैसे-जैसे गहरी होती गई, चिंता बढ़ती गई। माता-पिता ने पड़ोसियों और रिश्तेदारों के यहां तलाश शुरू की, फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अंजलि का कहीं कोई पता नहीं चला। पूरी रात परिवार बेचैनी और दहशत में जागता रहा, हर आहट पर उम्मीद की किरण खोजता रहा। उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि उन पर क्या कहर टूटने वाला है।
अगले दिन, बुधवार की सुबह। गांव के कुछ किसान जब अपने खेतों की ओर जा रहे थे, तो गांव से कुछ दूर एक सुनसान झाड़ीदार इलाके में उन्हें एक शव दिखा। पास जाकर देखने पर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। वह शव अंजलि का था। उसकी हालत इतनी भयावह थी कि देखने वालों का कलेजा मुंह को आ रहा था। उसके शरीर पर दरिंदगी के साफ निशान थे और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। यह खबर जंगल में आग की तरह फैली और देखते ही देखते मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। अंजलि के माता-पिता जब वहां पहुंचे, तो अपनी बेटी का वह वीभत्स रूप देखकर दहाड़ मारकर रो पड़े। उनकी चीखों से पूरा इलाका गूंज उठा।
पुलिस की ‘मिशन 24 घंटे’: कैसे दबोचे गए दरिंदे?
घटना की जानकारी मिलते ही मुजफ्फरपुर पुलिस अधीक्षक (SP) को तुरंत सूचित किया गया। SP ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बिना एक पल भी गंवाए खुद मोर्चा संभाला। उन्होंने तुरंत ही एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया, जिसमें अनुभवी अधिकारियों और साइबर विशेषज्ञों को शामिल किया गया।
पुलिस टीमों ने घटनास्थल को तुरंत सील कर दिया। फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया जिसने घटनास्थल से हर छोटे से छोटे सबूत को meticulously इकट्ठा किया – मिट्टी के नमूने, बालों के रेशे, कपड़ों के टुकड़े, और अन्य ऐसे निशान जो अपराधियों तक पहुंचने में मदद कर सकें। डॉग स्क्वायड को भी लगाया गया जिसने कुछ दूरी तक अपराधियों के भागने का रास्ता बताया।
पुलिस ने तत्काल इलाके के सभी संदिग्धों से पूछताछ शुरू की। अंजलि के दोस्तों, स्कूल के साथियों, और गांव के हर उस व्यक्ति से बात की गई जो अंजलि के बारे में कुछ भी जानता था। तकनीकी सर्विलांस (मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल्स) का भी सहारा लिया गया। पुलिस ने यह भी पता लगाया कि हाल ही में किसी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति की गतिविधि उस इलाके में बढ़ी तो नहीं है।
सूचना और सबूतों को जोड़ते हुए, पुलिस को कुछ अहम सुराग हाथ लगे। कुछ ही घंटों में संदिग्धों की पहचान कर ली गई, और पुलिस की टीमें उन्हें दबोचने के लिए निकल पड़ीं। पुलिस की अथक मेहनत और सटीक रणनीति का नतीजा था कि घटना के 24 घंटे के भीतर ही, इस जघन्य अपराध में शामिल सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस ने अभी तक आरोपियों की संख्या और उनकी पहचान सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन यह निश्चित रूप से पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है।
जनता का आक्रोश और न्याय की पुकार: ‘फांसी दो’ के नारे से गूंजे शहर
इस जघन्य वारदात और अंजलि की दर्दनाक मौत ने मुजफ्फरपुर की जनता को आक्रोश से भर दिया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। बुधवार को दिनभर और गुरुवार को भी बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। उन्होंने टायर जलाकर सड़क जाम की, हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया और ‘अंजलि को न्याय दो’, ‘बलात्कारियों को फांसी दो’ के नारे लगाए। खासकर छात्र संगठनों, महिला समूहों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की और आरोपियों के लिए अविलंब फांसी की सजा की मांग की।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अंजलि के पिता ने मांग की है कि आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी दी जाए ताकि उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिल सके और समाज में एक सख्त संदेश जाए। उन्होंने अपनी बेटी के लिए ‘फास्ट ट्रैक कोर्ट’ में मुकदमा चलाकर शीघ्र न्याय की गुहार लगाई है।
प्रशासन की प्रतिबद्धता और भविष्य की चुनौतियां
मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन ने लोगों को शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस मामले की जांच पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ की जाएगी। मुख्यमंत्री और राज्य के गृह विभाग ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के निर्देश दिए हैं।
यह घटना बिहार में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े करती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई बेशक सराहनीय है, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके लिए:
- पुलिस गश्त में वृद्धि: खासकर ग्रामीण और सुनसान इलाकों में पुलिस की उपस्थिति बढ़ाई जाए।
- समुदाय में जागरूकता: अभिभावकों और बच्चों को ‘गुड टच-बैड टच’ और आत्मरक्षा के बारे में जागरूक किया जाए।
- फास्ट ट्रैक कोर्ट: ऐसे जघन्य अपराधों के मुकदमों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर शीघ्र न्याय सुनिश्चित किया जाए।
- आवारा तत्वों पर लगाम: संदिग्ध और आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों पर पुलिस की पैनी नजर हो।
मुजफ्फरपुर आज अंजलि के लिए न्याय की पुकार कर रहा है। पूरा बिहार इस दुखद घड़ी में परिवार के साथ खड़ा है। उम्मीद है कि कानून अपना काम करेगा और दोषियों को उनके किए की सजा मिलेगी, ताकि समाज में यह संदेश जाए कि बेटियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
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