पटना, [आज की तारीख: 26 जून 2025] – बिहार की राजधानी पटना अब तेजी से एक आधुनिक महानगर में बदल रही है! सालों से जिस मेट्रो का सपना देखा जा रहा था, वह अब जमीनी हकीकत में बदलता दिख रहा है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में मेट्रो के पिलर तेजी से आकार ले रहे हैं, सुरंगों का काम चल रहा है और अधिकारी लगातार प्रगति पर जोर दे रहे हैं। पटना मेट्रो रेल परियोजना केवल एक परिवहन का साधन नहीं, बल्कि यह शहर के लिए विकास का नया इंजन और आधुनिक पहचान बनने जा रही है!
पटना मेट्रो: एक नया अध्याय!
पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PMRCL) के अधिकारियों के अनुसार, पटना मेट्रो परियोजना पर काम तूफानी रफ्तार से चल रहा है। खासकर पहले चरण के दोनों कॉरिडोर पर प्रगति साफ दिख रही है:
- पहला कॉरिडोर (दानापुर-मीठापुर-खेमनीचक): इस कॉरिडोर पर, जो शहर के सबसे व्यस्त इलाकों से होकर गुजर रहा है, पिलरों का काम तेजी से पूरा हो रहा है। मीठापुर से लेकर मलाही पकड़ी और आगे तक के एलिवेटेड सेक्शन पर अब मेट्रो की पटरियां बिछाने की तैयारी है।
- दूसरा कॉरिडोर (पटना जंक्शन-आईएसबीटी): इस कॉरिडोर पर भी काम ने रफ्तार पकड़ी है। राजेंद्र नगर से आईएसबीटी (Inter-State Bus Terminal) तक के एलिवेटेड सेक्शन पर भी पिलर और वायाडक्ट (पुल) बनाने का काम जोरों पर है।
सबसे बड़ी चुनौती माने जा रहे भूमिगत सेक्शन पर भी काम शुरू हो गया है। बोरिंग रोड और गांधी मैदान जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में टनल बोरिंग मशीन (TBM) के जरिए सुरंगें बनाई जा रही हैं। यह इंजीनियरिंग का एक बड़ा कमाल है, जो पटना को एक विश्वस्तरीय शहरी परिवहन प्रणाली देगा।
कब तक मिलेगी जाम से मुक्ति?
अधिकारियों का कहना है कि पहले चरण के कुछ हिस्सों को 2025 के अंत तक या 2026 की शुरुआत तक परिचालन के लिए खोलने का लक्ष्य रखा गया है। विशेष रूप से, प्राथमिकता कॉरिडोर (मलाही पकड़ी से आईएसबीटी) पर काम सबसे तेजी से चल रहा है।
जब पूरी मेट्रो परियोजना 2028 तक पूरी हो जाएगी, तो पटना के लोगों को:
- जाम की समस्या से बड़ी राहत: शहर की सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होगा, जिससे ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी।
- समय की बचत: लोग कम समय में एक जगह से दूसरी जगह पहुंच पाएंगे, जिससे उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी।
- प्रदूषण में कमी: निजी वाहनों के कम इस्तेमाल से वायु प्रदूषण में कमी आएगी।
- आरामदायक और सुरक्षित सफर: मेट्रो AC कोच और आधुनिक सुरक्षा प्रणालियों से लैस होगी।
- आर्थिक विकास को बढ़ावा: मेट्रो के रूट पर नए व्यापारिक अवसर पैदा होंगे और रियल एस्टेट सेक्टर को भी बंपर फायदा मिलेगा।
पटना का बदलता skyline और भविष्य की उम्मीदें
मेट्रो के पिलर और स्टेशन सिर्फ कंक्रीट के ढांचे नहीं, बल्कि यह न्यू पटना का प्रतीक हैं। यह परियोजना शहर को एक आधुनिक, सुव्यवस्थित और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन नेटवर्क से जोड़ेगी। यह बिहार की प्रगति को भी दर्शाता है कि कैसे राज्य अब बड़े और महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा कर रहा है।
पटना मेट्रो न केवल लोगों के आवागमन को आसान बनाएगी, बल्कि यह शहर की इकोनॉमी को भी नई गति देगी। व्यवसाय पनपेंगे, रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे और पटना एक सच्चे मायने में आधुनिक महानगर के रूप में उभरेगा।
क्या आप भी पटना मेट्रो के शुरू होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं? नीचे कमेंट बॉक्स में बताएं, आप मेट्रो से कहां जाना पसंद करेंगे!
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